रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) की योजना है कि वह अक्टूबर 2025 से “Continuous Clearing and Settlement on Realisation” नामक नया चेक क्लियरिंग सिस्टम लागू करें—इसे हिंदी में सरलता से समझा सकते हैं:
नया सिस्टम क्या है और क्यों जरूरी है?
मौजूदा प्रणाली
वर्तमान में Cheque Truncation System (CTS) के तहत, चेक जमा होने के बाद उसका क्लियरिंग एक बैच में हुआ करता है। ग्राहक को पैसे मिलने में अक्सर 1-2 कार्यदिवस लग जाते हैं (T+1 या T+2 क्लियरिंग)
Continuous Clearing System का परिचय (अक्टूबर 2025 से)
RBI दो चरणों में यह नया सिस्टम लागू कर रही है:
चरण 1: 4 अक्टूबर 2025 से – 2 जनवरी 2026 तक
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प्रस्तुति सत्र (Presentation session): रोज़ाना सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक—चेक्स तुरंत स्कैन होकर क्लियरिंग हाउस को भेजे जाएंगे।
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पुष्टिकरण समय (Confirmation session): सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक—ड्रॉवी बैंक को चेक का सम्मान (positive) या अस्वीकार (negative) करना होगा।
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यदि बैंक 7 बजे तक प्रतिक्रिया नहीं देती, तो चेक को automatic रूप से मंजूर (deemed approved) माना जाएगा और सेटेलमेंट प्रोसेस में शामिल किया जाएगा |
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चरण 2: 3 जनवरी 2026 से आगे
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चेक को तीन घंटे के भीतर पुष्टि करनी होगी (T+3 clear hours)।
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उदाहरण: यदि चेक 10:00-11:00 AM के बीच प्राप्त हुआ, तो उसे 2:00 PM तक पुष्टि करनी होगी। यदि नहीं की गई—तो इसे भी auto-approved माना जाएगा और उसी समय पेमेंट में शामिल किया जाएगा |
- रियल-टाइम क्लियरिंग: क्लियरिंग हाउस सुबह 11 बजे से हर घंटे सेटेलमेंट करेगा, जिसमें केवल positive confirmations और deemed approvals शामिल होंगे (negative confirmations अतः अलग होंगे)
- एक बार सेटेलमेंट हो जाने पर, प्रस्तुत (presenting) बैंक को ग्राहक के खाते में एक घंटे के भीतर राशि क्रेडिट करनी होगी (सुरक्षा उपायों के अधीन) |
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संक्षेप में — नया मॉडल कैसे काम करेगा
| चरण | समयसीमा | पुष्टि करना | सेटेलमेंट प्रक्रिया | ग्राहक को लाभ |
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| चरण 1 | 4 अक्टूबर 2025 – 2 जनवरी 2026 | शाम 7 बजे तक (वरना स्वीकृति) | हर घंटे (11 बजे शुरू) | पैसे उसी दिन, तेज़ पहुँच। |
| चरण 2 | 3 जनवरी 2026 से | 3 घंटे के भीतर (नहीं—तो स्वीकृति) | हर घंटे | और भी तेज़, लगभग रियल-टाइम क्लियरिंग। |